एक बरसी दर्द की कविता

by:alyssa_vivax876 दिन पहले
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एक बरसी दर्द की कविता

रात का घड़ी समय पार कर गया

22:30, 17 जून 2025—मैदान मेंठंडी हवा, फ्लोरोसेंटलिट्स सुनसिया सीमा की तरह।अंतिम सीटल 00:26:16 पर हुआ।छहि-छहि मिनट।कोई हीरो नहीं।कोई प्रशंसा।बस…चुपचाप。

सांख्य कभी नहीं—दिल है

वोल्टरेडोंडा, Brooklyn के concrete dreams से पैदा, defensive pragmatism में सशस्त्र;अवाई—Bronx के counterattacks के ek choir, apni ke bones में global philosophyगānī karte hain. Don’t care… but hearts remembered how to play.

alyssa_vivax87

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